how to be happy - कई बार हम युही ऐसे ही बैठ कर अपने मन में सोचते रहते है की मुझसे बुरा तो कोई है ही नहीं मेरी ही किस्मत ख़राब है हमेशा मेरे साथ ही बुरा होता है इस पुरे दुनिया में सब खुश है बस मुझे छोड़ के। कुछ लोग तो ऐसा भी सोचते है की मेरे सारे दोस्त भी खुश है मेरे पडोसी भी खुश है ,हर कोई खुश है बस मुझे छोड़ कर।
मगर आप परेशान मत हो क्युकी मैं आपको पाँच ऐसी ऐसी तरकीब बताऊंगा जिससे आपकी लाइफ में ख़ुशी भी होगी और अगर आप खुश रहोगे तो आपकी सेहत भी अच्छी बनी रहेगी।
पहला उपाय ➡ daily exercise -
सबसे पहले तो आपको सुबह जल्दी उठ कर एक्सरसाइज करना होगा। आपको डेली का एक रूटीन बना लेना चाहिए की आप रोज एक्सरसाइज करोगे कोई दिन मिस न हो। बहुत सारे डॉक्टर भी ये बात ज़रूर कहते है की एक्सरसाइज करने से आपके शरीर के स्किन से ज़मी हुई गन्दगी पसीने के ज़रिये बहार निकल जाते है। और एक्सरसाइज करने से आपका ब्लड सर्कुलेशन अच्छे से होता है। यहाँ पर आपको कोशिश करना है की आप सुबह सुबह एक्सरसाइज करो।
सुबह एक्सरसाइज करने से अब क्या होगा ?
सबसे पहले तो आपको सुबह उठना पड़ेगा अब आपको लगेगा की इतनी सुबह कैसे उठा जाए ये तो टेंशन वाली बात हो गई। तो आप घबराइए मत और कोई टेंशन न ले आपको कैसे भी कर के 7 दिन तक सुबह उठना है फिर आपको एक आदत हो जाएगी जल्दी उठने की। अक्सर लोग इसलिए नहीं उठते क्युकी इतनी सुबह कोई काम नहीं होता है पर जब आपको अपने शरीर के लिए और अपनी ख़ुशी (how to be happy) को काम समझेंगे तो आपकी एक आदत बन जायेगी सुबह जल्दी उठने की।
और जब हम लेट से उठते है तो घर में भी डट पड़ती है और जब सुबह की सुरुवात डट से ही होगी तो हमारा पूरा दिन कहा से अच्छा जायेगा। और एक्सरसाइज में आपको ऐसा कोई ज़रूरी नहीं है की आप जिम ही जा कर एक्सरसाइज कर रहे हो।
आप घर में भी कुछ न कुछ एक्सरसाइज कर सकते हो बस इतना करो की आपकी बॉडी में थोड़ा पेन होना चाहिए हम अपना ज़्यादा से ज़्यादा टाइम बैठ कर या लेट कर ही बिताते है जिससे हमारा शरीर जाम होने लगता है और कई सालो बाद हम कोई भी एक्टिविटी वाला काम नहीं कर पाते है।
जैसे अगर कही चल कर लम्बा जाना ,या दौड़ना ,या फिर लम्बी सीढ़ी की चढाई ही क्यों न हो। हम एक्टिव नहीं हो पाते इसलिए अपने शरीर को थोड़ा बहुत काम पर लगा कर रखो ताकि आपका शरीर लम्बे समय तक आपका साथ दे।
दूसरा उपाय ➡ treasure your experiences more than your possessions
आपको किसी भी चीज़ को एक्सपीरियंस करना बहुत ज़रूरी है आपको ये करना बहुत ही ज़रूरी है - ऐसा ज़रूरी नहीं की किसी भी चीज़ को अपना ही बनाओ जब आप किसी चीज़ के बारे में बहुत ज़्यादा सोचते है तो आपके मन में उसे पाने की इच्छा बन जाती है
और जब आपको वो चीज़ नहीं मिलती तो आपका दिल टूट जाता है और निराश और हताश भी हो जाते है। फिर आपको ख़ुशी कहा से मिली। और बहुत सी ख़ुशी आपको तब नहीं होती जब आप सोचते हो बल्कि तब होती है जब उस चीज़ को फील करते हो।
जैसे जब आप किसी फूल को देखते हो वो आपको बहुत अच्छा भी लगता है उसमे से बहुत अच्छी खुशबु भी आती है। पर जब आप उसे तोड़ लेते हो तो क्या वो वैसे ही रहेगा? नहीं वो वो मुरझा जायेगा और वो अच्छा भी नहीं लगेगा। यहाँ पर आपने ये नहीं सोचा की वो फूल टूटने के बाद क्या होगा या उसे फील करने के बारे में नहीं सोचा। इसलिए कभी किसी भी चीज़ को फील करने से ही असली ख़ुशी मिलती है न की उसे अपना बना लेने से ऐसा करने से आपको बस एक या दो दिन ही अच्छा लगेगा पर हमेशा दुखी ही रहोगे।
कई बार हम कही घूमने जाते है तो हम ज़रूर ही अच्छे प्रकृति के वीडियो बनाते है या फोटो खींचते है अच्छे नज़ारे होते है और ठंडी ठंडी हवा भी चल रही होती है। फिर सारे नज़ारे अपने कैमरे में शूट करते है फिर क्या हम ये सोचते है की इसे घर जा कर देखूंगा तो वो ही मज़ा आएंगे या वैसे ही मुझे ख़ुशी मिलेगी .
जी नहीं हम उसे दुबारा फील नहीं कर सकते , भले ही आप उस नज़ारे को hd में ही क्यों न शूट कर लो। आपको उससे वो ख़ुशी नहीं मिलेगी। बल्कि आपको तब ज़्यादा ख़ुशी मिलती जब आप वीडियो बनाने से अच्छा उसे फील करते तब आपको ज़्यादा ख़ुशी मिलती।
तीसरा उपाय ➡ don't compare yourself -
हमे कभी भी अपने आपको किसी से तुलना नहीं करना चाहिए। ये एक बहुत ही ख़राब आदत है हमारी। जब हम छोटे होते है तो हमारे बचपन से ही हमे सीखा दिया जाता है या कही न कही से हम ये सिख ही जाते है। आपने देखा होगा की कभी कभी घर वाले ही कुछ ऐसा ही बोलते है की -- दूसरे लड़को को देखो पढ़ाई में उसने टॉप किया है या उसे बड़ी जॉब मिली है और तुम्हे देखो।
या तो फिर दुसरो को देख कर सीखो। जब की ये गलत बात है हम दुसरो से तुलना (compare) कर कर के आज हम मानसिक रूप से बहुत कमज़ोर हो गए है। हमे कभी भी वो काम नहीं करने दिया जाता है जो हम सच में अपने पुरे दिल से करना चाहते है।
इसी मानसिकता से अधिकांश लोग या तो अपने काम में पूरी तरह से परफेक्ट नहीं होते है या तो फिर काम में उनका मान ही नहीं लगता है। क्युकी उसका मन तो कुछ और ही करने का था पर बन कुछ और ही जाते है। सब इसी तुलना (compare) करने की वजह से होता है।
तुलना करने से दो चीज़े निकलती है या तो मैं उससे अच्छा निकलूंगा या तो बेकार निकलूंगा अगर अच्छा निकलेंगे तो घमंडी बन जाओगे या तो बेकार निकले तो आपको ऐसा लगाने लगेगा की मैं तो कुछ बन ही नहीं सकता या मुझसे तो कुछ हो ही नहीं सकता ऐसे बुरे ख्याल आएंगे।
तो ऐसे में आप कभी भी किसी की तुलना मत करो न ही कभी कमज़ोर बनो आप वो ही करो जो आपको अपनी ज़िन्दगी में बनना है और उसी से पैसे कमाओ और नाम भी कमाओ तभी आपको सच्ची ख़ुशी मिलेगी।
चौथा उपाय ➡ everything is temporary
हमे अपने आपको ये बात समझाना या समझना पड़ेगा की इस दुनिया में कोई भी चीज़ हमेशा के लिए नहीं है सब टेम्पररी (temporary) है। जब टाइम बदलता है तो फिर से वही टाइम फिर से आता है मतलब की 12 बजे है तो कल भी 12 ज़रूर बजेगा दिन है तो रात होगी फिर दिन होगा ऐसे ही सब रिसाइकल होता रहता है इस दुनिया में कुछ भी परमानेंट नहीं होता है।
तो फिर आप क्यों अपने आप में ये क्यों मान लेते हो की आज बुरा हुवा है तो हमेशा ही बुरा ही होगा। या आगे समय में भी मेरे साथ बुरा होगा। अगर आज के समय में आपके साथ कुछ बुरा होता है तो आपको परेशान नहीं होना है बल्कि ये सोचना है की अगर आज बुरा हुवा है तो कल सब अच्छा होगा।
क्युकी इंसान के जीवन में अच्छा और बुरा दोनों ही चलता रहता है। पर अगर आप हार ही मान के बैठ जाओगे तो तो कुछ भी हासिल नहीं कर पाओगे और अगर आपको बहुत सारी खुशियां चाहिए तो कभी ही बुरा मान के ,या हाथ में हाथ डाल कर मत बैठे रहो जब कुछ नया करोगे तभी आपको ख़ुशी मिलती है।
जब कभी बुरा हो तो थोड़ा रुक कर या टाइम ले कर सोचो और दुबारा कोशिस करो। हो सकता है की आपको कामयाबी मिल जाए जिससे आपको ख़ुशी भी यक़ीनन मिलेगी। बस कभी रुकना नहीं है आपको।
पांचवा उपाय ➡ make adjustments
आपको अपनी ज़िन्दगी में एडजस्टमेंट होने की आदत डालनी पड़ेगी। क्युकी कभी भी समय आपके हिसाब से नही चलने वाला इसलिए एडजस्टमेंट करना सिख लो ताकि कभी आपको परेशानी न हो आप आसानी से एडजस्ट हो सको। कभी आपने देखा होगा की आप किसी काम से जाते है
और वह वो काम नहीं मिला कुछ और मिल गया है या अगर आप स्टूडेंट है तो जो आप पढ़ कर जाते है और एग्जाम में कुछ और आ गया तब आप क्या करोगे आप परेशान हो जाते हो . बल्कि ऐसे करो की अगर वो आपको नहीं आता तो वो आप बाद में करो पहले वो करो जो आपको आता है बाद में उसमे दिमाग लगाओगे तो जो नहीं आता वो भी काम हो जाता है
ज़िन्दगी भी आपके एग्जाम की तरह होती है कभी कभी ऐसे सवाल आते है जिसका जवाब आपको आते है और कभी कभी ऐसे भी सवाल आते है जिसका जवाब आपके पास नहीं होते पर अगर आप यहाँ पर ही एडजस्ट हो जाओगे तो आप इसका भी जवाब दे पाओगे जिससे आपको कभी निराश नहीं होना पड़ेगा और आपको ख़ुशी मिलेगी।
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