omega 3 food |
omega 3 food आज हम जानेंगे ओमेगा 3 के बारे में, ओमेगा 3 भी हमारे शरीर के लिए उतना ही ज़रूरी होता है जितना की बाकी सारे विटामिन्स।
ओमेगा 3 एक तरह का फैट ही होता है जिसकी कमी को हम खाने के साथ या फिर किसी अच्छी सप्लीमेंट की मदद से पूरा कर सकते है।
पर बड़ी समस्या तो ये है की ज़्यादा तर लोगो को ओमेगा 3 के बारे में पता ही नहीं है तो फिर कैसे ओमेगा 3 की पूर्ति करे? शरीर में इसकी कमी होने से कौन कौन सी समस्या हो सकती है।
आज के समय में हम्मे से ज़्यादा तर लोगो में ओमेगा 3 की कमी पाई जाती है। और ऐसा इसलिए होता है क्युकी हम अपने खाने का सही ध्यान नहीं रखते है हम जितना टेस्टी खाने को पसंद करते है और बिना ये जाने की इसमें क्या कमी है और क्या नुकसान हो सकता है। उतना हम 1 % अपने शरीर का ध्यान नहीं रखते है। जब हम अपने सेहत का ख्याल नहीं रखते तब बहुत सारी बीमारियों हमारे शरीर में आती है।
`कई बार हमारा पेट तो बढ़ता चला जाता है पर हमारे शरीर में कई तरह के न्यट्रिशन की कमी हो जाती है। और देखते ही देखते शरीर कई बीमारियों का शिकार हो जाता है। इसलिए हमारे लिए बहुत ही ज़रूरी है की हम अपने खाने को अच्छे से बेलेंस करे और शरीर को ज़रूरी न्यट्रिशन भी दे। शरीर के लिए सभी न्यट्रिशन के साथ साथ (omega 3 food) ओमेगा 3 फैटी एसिड भी ज़रूरी होता है।
ओमेगा ३ फैटी एसिड 3 प्रकार का है
ALA | EPA | DHA
alpha-linolenic acid ecosapentaenoic acid docosahexaenoic acid
ALA | EPA | DHA
alpha-linolenic acid ecosapentaenoic acid docosahexaenoic acid
पर देखने वाली बात ये है की ओमेगा 3 हमारा शरीर खुद से नहीं बनता इसलिए हमे इसकी पूर्ति करने की ज़रूरत खाने से ही करना पड़ता है.
➤ जैसे की ALA वाला फैटी एसिड हमारे शाकाहारी खाने से मिलता है ➧ फ्लेग शीड , चीया शीड, अखरोड में पाया जाता है।
➤ जबकि EPA और DHA वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड मंशाहारी में पाया जाता है। ➧ मेकरेन,टूना,सैल्मन,हैरिंग जैसी मछलियों में पाया जाता है। इन मछलियों में सबसे ज़्यादा ओमेगा 3 की मात्रा पाया जाता है।
और जिस तरह हम सब आज कल के खाने को ज़्यादा खाते है उसमे बहुत कम या न के बराबर ही ओमेगा 3 होता है। किसी भी व्यक्ति को एक दिन में 600 से 800 mg तक ओमेगा 3 की ज़रूरत होती है।
और जो लोग ज़्यादा फिजिकल एक्टिविटी करते है उनको 900 से 1100 mg तक ओमेगा 3 की ज़रूरत पड़ती है। हमारे खाने में ओमेगा 3 की कमी के कारण हमारे शरीर में भी ओमेगा 3 की कमी होने लगती है। इसकी वजह से शरीर में कई बीमारी भी उत्पन्न होने लगती है। जब ओमेगा 3 की कमी होने लगती है तो हमारा शरीर भी कुछ तरीको से हमे चेतावनी देता है।
omega 3 food |
omega 3 food |
Omega-3 fatty acid-wikipedia
ओमेगा 3 कमी के लक्षण -
ओमेगा 3 फैटी एसिड त्वचा के सेल मेमरॉन के लिए ज़रूरी होता है। ये त्वचा में एक तरह का कवच बनता है या एक लेयर बनता है। ये एक शील्ड की तरह काम करता है जो आपके त्वचा को बाहरी डस्ट,पॉलुशन,गन्दगी से बचता है। इतना ही नहीं ओमेगा 3 अच्छे नुट्रिशन को त्वचा में पास करता है। और त्वचा से जमा हुवा टॉक्सिन्स को भी बहार निकलता है। लेकिन जब त्वचा में ओमेगा 3 (omega 3 food) की कमी होती है तब त्वचा की ये ही लेयर कमज़ोर हो कर डैमेज हो जाती है।
और इसकी वजह से कई तरह के त्वचा की समस्या होने लगती है जैसे - (ECZEMA) एक्जिमा, (PSORIASIS) सोरायसिस, (SKIN DRYNESS) सुखी त्वचा।
पर जब शरीर में ओमेगा 3 (omega 3 food) की कमी ज़्यादा होने लगती है तो त्वचा अधिक सूखने लगती है और सर में रुसी (dandruff) होना और हाथ पैर में त्वचा का रुखा या सुखी पपड़ी निकलने लड़ती है।
2 . मेमोरी लॉस या मानसिक बीमारी का होना -
ओमेगा 3 दिमाग के लिए बहुत ज़रूरी होता है ,जिस तरह से कैल्शियम की कमी से हड्डियों में कमज़ोरी होती है ,या फिर खून की कमी से एनीमिया जैसी बीमारी होती है ठीक ऐसे ही ओमेगा 3 की कमी से दिमागी कमज़ोरी हो जाती है। जैसे की कभी किसी बात को भूल जाना बहुत कोशिश करने के बाद भी जल्दी याद न आना यदि आप पढाई करते है तो ठीक से फोकस न कर पाना , डिप्रेशन,और सर दर्द या चक्कर आना ये सब शरीर में ओमेगा 3 (omega 3 food) की कमी को दर्शाता है तब आपको ये समझ जाना चाहिए की आपके शरीर में अब ओमेगा 3 की कमी हो चुकी है।
ओमेगा 3 में पाए जाने वाला epa डिप्रेशन से लड़ता है, और dha दिमाग की शक्ति को बढ़ने में मदद करता है। इसलिए अगर आप भी किसी तरह के दिमागी समस्या से जूझ रहे है। तो ये आप मान सकते है की ये परेशानी ओमेगा 3 की कमी से हो रही है।
कुछ महिलाओं, में ऐसा भी देखा गया है की प्रेग्नेंसी के समय में अपने खाने में ओमेगा 3 ठीक से नहीं लेती है उनके पेट में पलने वाले बच्चे के दिमागी शक्ति ठीक से विकशित नहीं हो पता है। जो की हर किसी के लिए ओमेगा 3 (omega 3 food) की सही मात्रा लेना बहुत ही ज़रूरी होता है।
3 . हाई कैलोस्ट्रोल या दिल की बीमारी -
आज कल के समय में हमारे देश में हर साल जितने लोगो की मौत होती है उसमे से 24 % तक ऐसे लोग है जिनका हाई कैलोस्ट्रोल और दिल की बीमारी से मौत हो जाती है। जैसे की आपको पता है की हमारे शरीर में HDL यानि की अच्छे कैलोस्ट्रोल और LDL यानि बुरे कैलोस्ट्रोल दोनों ही होते है। पर जब शरीर में ओमेगा 3 की कमी हो जाती है। तो अच्छे कैलोस्ट्रोल की भी कमी धीरे-धीरे होने लगती है। और बुरे कैलोस्ट्रोल शरीर में धीरे-धीरे बढ़ने लगती है। जिसकी वजह से दिल की बीमारी हो जाती है
4 . आखो की कमज़ोरी -
हमारी आखो का रेटिना 60 % DHA ओमेगा 3 से बना होता है इसलिए जब कभी भी हमारे शरीर में ओमेगा 3 की कमी होती है। तो आखो की कमज़ोरी पाई जाती है और साथ ही साथ नजर का धुंधला होने की समस्या भी होती है। और अगर आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में ओमेगा 3 होता है तो ये आपके आखो की रोशनी को बढ़ने के साथ मेकुलर डी जनरेशन जैसी आखो से जुडी खतरनाक बीमारी को दूर करता है।
5 . इंलामेशन -
जब शरीर में ओमेगा 3 की कमी होती है तो साथ ही साथ इंलामेशन यानि हिट गर्मी भी बढ़ने लगती है। जब शरीर में बहुत ज़्यादा गर्मी बढ़ने लगती है तो इंलामेशन डिजीज का खरतरा बढ़ने लगता है। जैसे की - एलर्जी, हेपेटाइटिस, आर्थराइटिस, इन्फ्लैमटॉरी एक्ने के बढ़ने के मौके होते है।
अगर आपके चेहरे पर बड़े बड़े पिम्पल होते है और बहुत कोशिश करने के बाद भी ये ठीक नहीं होते है तो ये शरीर में ओमेगा 3 की कमी के कारण हो सकते है। क्युकी ओमेगा 3 की कमी होने की वजह से शरीर में इंलामेशन बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है। जिस से की एक्मी और पिम्पल्स समय के साथ साथ और भी ज़्यादा तेज़ी से बढ़ने लगती है।
पर जब शरीर ओमेगा 3 की पर्याप्त मात्रा होती है तो ये शरीर में इंलामेशन को बढ़ने से रोकता है जिससे की पिम्पल्स की समस्या बहुत हद तक ठीक हो जाती है।
➤ ओमेगा 3 फैटी एसिड की पूर्ति के लिए शाकाहारी भोजन।
➤ अखरोट - अखरोट में ओमेगा 3,प्रोटीन,और डाइट्री फाइबर,मेगनीज,कॉपर,फास्फोरस,मैग्नीशियम भी अधिक मात्रा में पाया जाता है (प्रति दिन की मात्रा 10gm)
➤ अलसी का बीज - इसमें बहुत सारे पोषक तत्व और ओमेगा 3 पाया जाता है। (प्रति दिन की मात्रा 15gm)
➤ बेरी - बेरी एक एन्टी ऑक्सीडेंट विटामिन्स,मिनरल्स का अच्छा स्रोत है इसमें ओमेगा 3 पाया जाता है। ब्लू बरी में भरपूर मात्रा में ओमेगा 3 होता है (प्रति दिन की मात्रा 10 से 15 पीस)
➤ सोयाबीन - सोयाबीन में प्रति 100 gm में 40% प्रोटीन होता है कभी कभी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
➤ राइ का तेल - इसमें ओमेगा 3 ओमेगा 6 भी होता है।
➤ कद्दू का बीज - कद्दू के बीज में भी भरपूर मात्रा में ओमेगा 3 होता है (प्रति दिन की मात्रा 10 से 15 gm)
➤ बिन्स, या राजमा - इसमें ओमेगा 3 के साथ साथ ओमेगा 6 भी होता है।
➽ ओमेगा 3 फैटी एसिड की पूर्ति के लिए मासाहारी भोजन
➤ सी फ़ूड - मेकरेन,टूना,हैरिंग
➤ सैल्मन- इसमें फैटी एसिड,विटामिन D, नियासिन,विटामिन B 12, विटामिन B 6, और सेलिनियम का बहुत अच्छा स्रोत है - इसे 100 gm से ज़्यादा नहीं लेना चाहिए।
Tags:
HEALTH EDUCATION